26 जनवरी, 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया और एक गणतंत्र बना। यह दिन न केवल हमारे संविधान की याद दिलाता है, बल्कि हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी करता है। आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम भारत की लोकतांत्रिक विरासत को और गहराई से समझें।
26 जनवरी का दिन भारत के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ, जिसने देश को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।
भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए 1946 में संविधान सभा का गठन किया गया। इस सभा के 299 सदस्यों ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन की मेहनत के बाद संविधान को तैयार किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें “भारतीय संविधान के पिता” के रूप में जाना जाता है, ने इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई।
26 जनवरी को इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की थी। इसलिए, यह दिन भारत के लिए ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक महत्व रखता है।
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ और 5 परिशिष्ट हैं। यह संविधान न केवल हमारे अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि हमें अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करता है।
26 जनवरी हमें यह संदेश देता है कि हमारा देश विविधताओं में एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें हमारे संविधान और लोकतंत्र के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।
गणतंत्र दिवस का मुख्य आयोजन दिल्ली के राजपथ पर होता है। यह समारोह भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रदर्शित करता है।
गणतंत्र दिवस परेड भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन है। इसमें सेना, नौसेना और वायु सेना के जवान हिस्सा लेते हैं। साथ ही, विभिन्न राज्यों की झांकियाँ भी इस परेड का हिस्सा होती हैं।
26 जनवरी के मौके पर राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्रगान गाया जाता है। यह समारोह देशभक्ति की भावना को जगाता है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर बहादुरी पुरस्कार भी दिए जाते हैं। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी बहादुरी और साहस से देश की सेवा की है।
गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है। राजपथ पर परेड के लिए सैन्य दल और विभिन्न राज्यों की झांकियाँ तैयार की जाती हैं।
प्रत्येक राज्य की झांकी उसकी संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करती है। झांकियों का चयन एक प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाता है, जिसमें सबसे अच्छी झांकी को परेड में शामिल किया जाता है।
सेना, नौसेना और वायु सेना के जवान महीनों तक अभ्यास करते हैं ताकि परेड में उनका प्रदर्शन शानदार हो।
26 जनवरी युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक दिन है। यह दिन उन्हें संविधान और लोकतंत्र के प्रति जागरूक करता है।
26 जनवरी पर स्कूलों और कॉलेजों में झंडा फहराने और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
युवा पीढ़ी को संविधान और लोकतंत्र के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
26 जनवरी न केवल एक उत्सव है, बल्कि यह हमें हमारे संविधान और लोकतंत्र के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है। आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम सभी भारतीयों के रूप में एकजुट होकर देश के विकास में योगदान दें।
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